ताजमहल किस नदी के किनारे स्थित है | tajmahal kis nadi ke kinare sthit hai

Tajmahal kis nadi ke kinare sthit hai :- दोस्तों आप ने सातवें अजूबा ताजमहल के बारे में तो अवश्य सुना होगा और हो सकता है कि आप ताजमहल को देखने भी गए होंगे। मगर क्या आपको मालूम है कि ताजमहल किस नदी के किनारे स्थित है और ताजमहल को किसने बनवाया था।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

और ताजमहल कहां पर है अगर आपको यह सब नहीं मालूम है तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहे। क्योंकि इस लेख में हम ताजमहल से जुड़ी हर एक जानकारी देने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए।


ताजमहल किस नदी के किनारे स्थित है? | tajmahal kis nadi ke kinare sthit hai

ताजमहल यमुना नामक नदी के किनारे स्थित है। यमुना नदी और ताजमहल यह दोनों ही आगरा शहर के अंतर्गत आते है। ताजमहल दुनिया के सातवें अजूबे के नाम से भी जाना जाता है ताजमहल एक ऐसा भव्य महल है जो कि किसी के वियोग में बनवाया गया है।

ताजमहल अपने भव्यता और आकर्षता के बल पर बहुत से लोगों के दिल पर राज करता है। लोग बहुत दूर-दूर से आगरा के ताजमहल को घूमने के लिए आते हैं, ऐसा माना जाता है कि इसे मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी के  वियोग में बनवाया था और उनके कब्र को इस भभ्य महल के अंदर रखवाया था। 

रहा बात यमुना नदी का तो यमुना नदी गंगा नदी की एक बहुत बड़ी सहायक नदी है ऐसा माना जाता है कि, यमुना नदी का इतिहास हमारे पौराणिक चीजों से जुड़ा हुआ है। ताजमहल से भी जुड़ा बहुत कुछ इतिहास है और यमुना नदी से भी जुड़ा बहुत कुछ इतिहास है, उसको हम अगले टॉपिक में बड़ी विस्तार से डिस्कस करेंगे तो चलिए शुरू करते हैं अगले टॉपिक को।


ताजमहल कहां स्थित है? – (ताजमहल के बारे में)

आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे ताजमहल स्थित है। दोस्तों हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ताजमहल का निर्माण 1631 ईसवी में शुरू किया गया था और 1653 ईसवी में पूरी तरह से बंद कर तैयार हो चुका था ऐसा माना जाता है कि, इसका निर्माण 20000 कारीगरों द्वारा किया गया था।

ताजमहल के निर्माण के लिए अलग-अलग देशों से तकरीबन 28 किस्म के पत्थर और संगमरमर लाए गए थे और ऐसा माना जाता है कि इस पर एक हीरे की तरह तराशी की गई थी तब जाकर के इसे ताजमहल में जड़ा गया था।

कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना है कि  37 लोगों की एक टीम ने मिलकर ताजमहल के नक्शे को डिजाइन किया था, हालांकि इसका दावा पूर्ण रूप से इतिहास में नहीं किया गया है। ताजमहल के निर्माण के समय अलग-अलग देशों से कारीगर मंगाए गए थे,

और उन कारीगरों ने ही इस ताजमहल के संगमरमर और पत्थर को हीरे की तरह तराशा था। ताजमहल बनाते समय इसके नई में बहुत सारे कुएं खोदे गए थे और उसमें अलग-अलग प्रकार के लकड़ी जैसे महोगनी डाला गया था।

और हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महोगनी एक ऐसा पेड़ है जिसके लकड़ी को जितना ही नमी मिलता है वह उतना ही फौलाद और मजबूत होते जाता है और ताजमहल के नई को नमी यमुना नदी के द्वारा मिलता था, क्योंकि यमुना नदी के किनारे ही ताजमहल स्थित है।

अगर हम ताजमहल बनवाने के बारे में बात करें तो ऐसा माना जाता है कि, मुगल सम्राट शाहजहां ने अपने पत्नी मुमताज महल के वियोग में इसे बनवाया था और उनके कब्र को इसके अंदर रखवाया था।

ताजमहल को मोहब्बत का एक मंदिर भी कहा जाता है क्योंकि शाहजहां ने अपनी पत्नी से बेपनाह मोहब्बत की थी और उसी के निशानी के तौर पर ताजमहल को बनवाया था। ताजमहल को 1653 ईस्वी में बनाने पर लगभग करोड़ों के आसपास खर्चा लगा था जो कि आज बहुत सारे रुपए होते हैं।

ताजमहल को दुनिया का सातवां अजूबा भी माना जाता है ऐसा भी माना जाता है कि मुगल सम्राट शाहजहां ने ताजमहल के पुनर्निर्माण के बाद उसके जितने भी मजदूर थे, उनका हाथ कटवा दिया था। ताकि वह कोई दूसरा ऐसा ही महल ना बनाए हालांकि यह पूर्ण रूप से साबित नहीं है कि यह सच था और इसका इतिहास में कोई प्रमाण भी नहीं मिलता है।


यमुना नदी के बारे में

दोस्तों हमने ऊपर के टॉपिक में जाना कि ताजमहल किस नदी के किनारे स्थित है और ताजमहल कहां है और ताजमहल के बारे में भी कुछ जानकारी प्राप्त की हमने अब हम इस टॉपिक के माध्यम से यमुना नदी से जुड़ी कुछ जानकारियां प्राप्त करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए।

यमुना नदी भारत के सबसे प्राचीनतम नदियों में से एक है, इसका अस्तित्व कृष्ण लीला से भी पहले का है ऐसा माना जाता है कि यमुना नदी गंगा नदी की बहुत बड़ी सहायक नदी है। यमुना नदी का उत्पत्ति यमुनोत्री से हुआ है और यमुना नदी का उद्गम स्थान यमुनोत्री  जो कि उत्तरकाशी से लगभग 30 किलोमीटर दूर उत्तर गढ़वाल नामक स्थान है यहीं से यमुना नदी निकलती है।

यमुना नदी कालीनंद पर्वत से निकलती है इसीलिए कई कई जगह पर इसे कालिंदी नदी के नाम से भी जाना जाता है। यमुना नदी की कुल लंबाई 376 किलोमीटर है। यमुना नदी के किनारे बहुत ही प्रमुख शहर स्थित है जैसे कि :- दिल्ली, आगरा, मथुरा, प्रयागराज, कलापी, इत्यादि। 

जिस प्रकार से और नदिया की सहायक नदियां होती है ठीक उसी प्रकार से यमुना नदी की सहायक नदियां हैं जिनका नाम कुछ इस प्रकार से है :- चंबल, असोम, गिरी, बेतवा, केन, इत्यादि । यमुना नदी उत्तराखंड से होते हुए हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है, हिमाचल प्रदेश में लगभग 22 किलोमीटर की सफर तय करने के बाद यह हरियाणा में प्रवेश करती है।

 फिर यह दिल्ली होते हुए उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है। यमुना नदी के किनारे ताजमहल भी स्थित है, जो कि उसके सुंदरता में चार चांद लगा देता है। यमुना नदी का इतिहास भगवान श्री कृष्ण जी के जन्म स्थल से जुड़ा हुआ है ऐसा माना जाता है कि श्री कृष्ण भगवान ने यमुना नदी में डुबकी लगाई थी और यहां पर अपने जीवन को व्यथित भी किया था।


FAQ, s

Q1. ताजमहल किस नदी के बगल में है?

Ans. ताजमहल यमुना नदी के बगल में है और ताजमहल यमुना नदी दोनों ही आगरा शहर के अंतर्गत आते हैं।

Q2. क्या ताजमहल के पास गंगा बहती है ?

Ans. जी नहीं क्योंकि ताजमहल के बगल में यमुना नदी है तो वहां से गंगा नदी कैसे बहेगी।
Q3. ताजमहल कहाँ इस्थि है ?
Ans. ताजमहल आगरा नामक शहर में स्थित है।
Q. ताजमहल किस पत्थर से बना है ?

Ans. ताजमहल को बनवाने में लगभग 28 किस्म के पत्थरों का उपयोग किया गया है और यह 28 किस्म के पत्थर अलग-अलग देशों से मंगवाया गया था ताजमहल के निर्माण के लिए। (ज्यादा जानने के लिए यहां click करें)

Q. ताजमहल किसने बनवाया था ?

Ans. ताजमहल को मुगल सम्राट शाहजहां ने अपने पत्नी के वियोग में बनवाया था और इस ताजमहल को प्रेम का एक निशानी भी कहा जाता है। (ज्यादा जानने के लिए यहां click करें)


ताजमहल किस नदी के किनारे स्थित है

( Conclusion, निष्कर्ष )

उम्मीद करता हूं, कि आप को मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से  ताजमहल किस नदी के किनारे स्थित है, के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।

हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको किस ताजमहल, से जुड़ी हर एक जानकारी के बारे में बताने की कोशिश की है।

Also Read :-

Leave a Comment