Kis desh ke sanvidhan se maulik kartavya liya gaya hai

Kis desh ke sanvidhan se maulik kartavya liya gaya hai :- दोस्तों आपने पॉलिटिकल साइंस तो अवश्य पढ़ा होगा और उसमें मौलिक कर्तव्य का नाम अवश्य सुना होगा मगर क्या आपको मालूम है कि मौलिक कर्तव्य क्या होता है और किस देश के संविधान से मौलिक कर्तव्य लिया गया है और हमारे देश भारत के कुल कितने मौलिक कर्तव्य है और मौलिक कर्तव्य का महत्व क्या है।

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 अगर आप का जवाब ना है और आप इन सब के बारे में नहीं जानते हैं तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहे क्योंकि इस लेख में हम मौलिक कर्तब्यों से जुड़ी हर एक जानकारी देने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए.


किस देश के संविधान से मौलिक कर्तव्य लिया गया है?

रूस देश के संविधान से मौलिक कर्तव्य लिया गया है और उस मौलिक कर्तव्य को हमारे भारत के संविधान में उपयोग किया गया है। कुछ लोगो ऐसा माना जाता है कि जब हमारे देश भारत का संविधान पूरी तरह से बन चुका था तैयार हो चुका था तब उस में मौलिक कर्तव्य की कमी थी और इसे शामिल ही नहीं किया गया था।

तो कुछ लोगों के निर्णय पर इसे रूस के संविधान से कॉपी करके अपने संविधान में डाला गया हालांकि रूस का मौलिक कर्तव्य भी बिल्कुल सही है और वह आदर पूर्वक हर एक नागरिक को फॉलो करना चाहिए। हमारे देश भारत के संविधान में मौलिक कर्तव्य को 1976 वर्ष में जोड़ा गया था और उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी।

यह मौलिक कर्तव्य (सादर स्वर्ण सिंह समिति) के कहने पर हमारे देश भारत के संविधान में जोड़ा गया हालांकि यह बहुत बढ़िया बात है।


मौलिक कर्तव्य क्या है ?

मौलिक कर्तव्य एक प्रकार का कर्तव्य है जो भारत के हर नागरिक को होना चाहिए हालांकि लोग इसका बखूबी से पालन करते हैं। मौलिक कर्तव्य को अंग्रेजी भाषा में फंडामेंटल ड्यूटीज (fundamental duties) के नाम से जाना जाता है।  

सरल शब्दों में अगर मौलिक कर्तव्य को समझने की कोशिश करें तो मौलिक कर्तव्य एक ऐसा कर्तव्य है जो जनता को हमारे देश के लिए करना चाहिए अगर आप वह नहीं करते हैं तो कोई भी फर्क नहीं पड़ता है।  हालांकि जिस प्रकार से सरकार का कर्तव्य होता है, कि वह अपने जनता के लिए कुछ करें उसी प्रकार से मौलिक कर्तव्य भी होता है।

 हालांकि अगर इन कर्तव्यों को ना किया जाए तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन अगर आप इन कर्तव्यों को फॉलो करते हैं तो आपका भी काम अच्छा रहेगा और देश वृद्धि करेगा।


 मौलिक कर्तव्य कितने है ?

दोस्तों हमने ऊपर के टॉपिक में जाना कि किस देश के संविधान से मौलिक कर्तव्य लिया गया है और मौलिक कर्तव्य क्या है इस टॉपिक के माध्यम से हम जानेंगे कि मौलिक कर्तव्य कितने हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए।

फिलहाल के समय में हमारे देश भारत का कुल मौलिक कर्तव्य का संख्या 11 है। हालांकि जब हमारा संविधान पूरी तरह से बना था तो उसमें एक भी मौलिक कर्तव्य शामिल नहीं थे मगर कुछ वर्ष बीतने के बाद कुछ लोगों ने पुष्टि की कि हमारे देश भारत का भी मौलिक कर्तव्य होना चाहिए। 

हालांकि जब हमारा संविधान पूरी तरह से बना था तो उसमें एक भी मौलिक कर्तव्य शामिल नहीं थे मगर कुछ वर्ष बीतने के बाद कुछ लोगों ने पुष्टि की कि हमारे देश भारत का भी मौलिक कर्तव्य होना चाहिए। वर्मा समिति के द्वारा और रूस के संविधान से मौलिक कर्तव्यों को उठा कर के हमारे भारत देश के संविधान में डाला गया ।

फिर कुछ वर्ष बीतने के बाद इसमें एक और मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया। फिलहाल के समय में भारत देश का कुल मौलिक कर्तव्य 11 है। हमने अभी तक मौलिक कर्तव्य से जुड़ा बहुत जानकारी प्राप्त की मगर अभी यह नहीं जाना कि आखिर कौन कौन से मौलिक कर्तव्य है तो चलिए उन्हें अगले टॉपिक के माध्यम से जान लेते हैं।


11 मौलिक कर्तव्य कौन-कौन से हैं ?

ऊपर के टॉपिक से आपको मालूम चल गया होगा कि कुल मौलिक कर्तव्य 11 है और उन इग्यारहो मौलिक कर्तव्यों का नाम हमने नीचे में स्टेप बाय स्टेप करके लिखा है, तो आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे।

1) भारत देश का पहला मौलिक कर्तब्य है कि :-  भारत देश के प्रत्येक नागरिक को संविधान का पालन करना चाहिए और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र-ध्वज और राष्ट्र गान का आदर करना चाहिए और उसे इज्जत देना चाहिए।

2. भारत देश का दूसरा मौलिक कर्तब्य है कि :- स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को और सभी स्वतंत्रता के सेनानियों को हृदय में संजोए रखना चाहिए और उनकर कहे गए सभी बातों को याद रखना चाहिए।

3. भारत देश का तीसरा मौलिक कर्तब्य है कि :- भारत की सभी प्रकार का एकता, प्रभुता, और अखण्डता की रक्षा करना चाहिए और उसे अक्षुण्ण रखना चाहिए।

4. भारत देश का चौथा मौलिक कर्तब्य है कि :- हमे अपने देश की रक्षा करना चाहिए ।

5. भारत देश का पाँचवा मौलिक कर्तब्य है कि :- भारत के सभी लोगों में समान और समरसता भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करना चाहिए ।

6. भारत देश का छठवा मौलिक कर्तब्य है कि :- हमे हमारी सभी प्रकार की सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्व समझना चाहिए और उसका परिरक्षण करना चाहिए।

7. भारत देश का सातवाँ मौलिक कर्तब्य है कि :- हमे अपने प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करना चाहिए और उसका संवर्धन करना चाहिए ।

8. भारत देश का आठवाँ मौलिक कर्तब्य है कि :- वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ज्ञानार्जन की भावना का हमे विकास करना चाहिए।

9. भारत देश का नौंवा मौलिक कर्तब्य है कि :- सार्वजनिक सम्पत्ति को हमे सुरक्षित रखना चाहिए।

10. भारत देश का दशवा मौलिक कर्तब्य है कि :- व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर ज्यादा मजबूत करना चाहिए और उसे बढ़ने का सतत प्रयास करना चाहिए ।

11. भारत देश का दशवा मौलिक कर्तब्य है कि :- माता-पिता या संरक्षक द्वारा लगभग 6 से 14 वर्ष के बच्चों हेतु प्राथमिक शिक्षा खुद ही प्रदान करना ( यह 86वाँ संशोधन)


FAQ,s

Q1. मौलिक कर्तव्य को इंग्लिश में क्या कहते है ?

Ans. मौलिक कर्तव्य को इंग्लिश में fundamental duties कहते है।

Q2. मौलिक कर्तव्य कितने है।

Ans. भारत में कुल मौलिक कर्तव्यों की संख्या 11 हैजब भारत का संविधान बना था तब इसमें एक भी मौलिक कर्तब्य नहीं था।
Q3. किस देश के संविधान से मौलिक कर्तव्य लिया गया है?
Ans. रूस देश के संविधान से मौलिक कर्तव्य लिया गया है और उस मौलिक कर्तव्य को हमारे भारत के संविधान में उपयोग किया गया है।
Q4. मौलिक कर्तव्य का पालन करना जरूरी है या नही
Ans. दोस्तों यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप संविधान के मौलिक कर्तब्यों को पालन करते हैं या नहीं इससे आपका कोई फर्क नहीं पड़ेगा ।

( Conclusion, निष्कर्ष )

उम्मीद करता हूं, कि आप को मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से  किस देश के संविधान से मौलिक कर्तव्य लिया गया है, के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।

हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको किस मौलिक कर्तव्य, से जुड़ी हर एक जानकारी के बारे में बताने की कोशिश की है।

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