Kis mahadweep per chamgadar nahin paye jaate hain

Kis mahadweep per chamgadar nahin paye jaate :- दोस्तों आप लोग कभी ना कभी चमगादड़ को अवश्य देखे होंगे और हो सकता है कि चमगादड़ की डरावनी कहानी भी सुने होगी मगर के आपको मालूम है, कि किस महाद्वीप पर चमगादड़ नहीं पाए जाते हैं और चमगादड़ क्या खाती है और चमगादड़ का इतिहास क्या रहा है।

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अगर आपका जवाब ना है तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहिए क्योंकि इस लेख में हम चमगादड़ से जुड़ी हर एक जानकारी प्राप्त करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए।


किस महाद्वीप पर चमगादड़ नहीं पाए जाते हैं ?

अंटार्कटिका एक ऐसा महाद्वीप है जहाँ पर चमगादड़ नहीं पाए जाते है। चमगादड़ ठंडे के वजह से अंटार्कटिका महाद्वीप पर नहीं पाई जाती हैं । दोस्तों आपको मालूम होगा कि अंटार्कटिका महाद्वीप एक ठंडा जगह है और यहां पर बहुत कड़क की ठंड पड़ती है।

और ठंड में चमगादड़ अच्छी तरह से सरवाइव नहीं कर पाते हैं या कह सकते हैं कि वह यहां पर जीवित नहीं रह सकते हैं इसीलिए अंटार्कटिका महाद्वीप पर चमगादड़ की संख्या ना के बराबर है।

हालांकि अंटार्कटिका महाद्वीप में बहुत कम ही जीव जंतु पाए जाते हैं यह एक ठंड प्रदेश होने के कारण यहां पर ठंड में पाए जाने वाले और सरवाइव करने वाले जीव जंतु ए ही दिखाई देती है।

बाकी आपको यहां पर एक भी पक्षी वगैरा नहीं देखने को मिलेगी यहां पर इंसान भी बहुत मुश्किल से पहुंचते हैं। और वहां रिसर्च के लिए रुकते हैं तो ऐसी स्थिति में चमगादड़ कहां से संभव है यही एकमात्र ऐसा जगह है जहां पर चमगादड़ नहीं पाई जाती है।


चमगादड़ के बारे में

अगर हम चमगादड़ के बारे में बात करें तो चमगादड़ एक ऐसा स्थनधारी जीव है जो उड़ने के लिए बना है।कुछ वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि चमगादड़ ओं की कुल प्रजाति पूरे दुनिया में एक हजार से भी ज्यादा है।

चमगादड़ एक ऐसा पक्षी या कह सकते हैं जंतु होती है जो किसी पेड़ पर या अंधेरी गुफाओं में उल्टा लटकती है उल्टा लटकने वाली जंतु सिर्फ एक यह है ऐसा माना जाता है कि इस जंतु को दिखाई भी नहीं देता है।

अब आपके मन में यह सवाल जरूर उत्पन्न हो रहा होगा कि आखिर चमगादड़ को दिखाई नहीं देता है तो यह उड़ती कैसी है तो हम आपके जानकारी के लिए बता दें कि, चमगादड़ अपने काम से एक ऐसा आवाज उत्पन्न करती है जो उनको सुनने में और देखने में मदद करता है।

 वह अपने आवाज के सहारे उड़ पाती हैं क्योंकि वह जो आवाज निकालती है वह एक प्रकार का wave होता है और अगर उनके रास्ते में कोई जीव जंतु या दीवाल आता है तो वह wave उनसे टकरा करके उनके कानों में दोबारा जाता है।

 जिससे वह अपने आगे आने वाले सामानों या उनके रास्ते में आने वाले चीज़ को जान पाती है और उसके हिसाब से अपना रास्ता तय कर पाती हैं। चमगादड़ की पैर पीछे होती है और वह अविकसित होती है जिसके मदद से वह जमीन पर चल नहीं पाती है।

इसीलिए वह पेड़ों पर उल्टा लटकना पसंद करती हैं। ऐसा माना जाता है कि, चमगादड़ 1 घंटे में एक हजार से भी अधिक मच्छर खा सकती है। दुनिया की सबसे बड़ी चमगादड़ का पंख लगभग 6 फीट के आसपास मापा गया है। और दुनिया की सबसे छोटी चमगादड़ अंगूठे  के नोह के बराबर पाई गई है।

कई सारे उष्णकटिबंधीय पौधा का जन्म संचरण चमगादड़ के द्वारा ही हो पाता है क्योंकि वह एक पौधे से उड़कर के दूसरे पौधे पर जाती है तब वह नर पौधों की कुछ अंश भी लेते जाती हैं तो इस प्रकार से उनके बीच फल और फूल उगते हैं।


अंटार्कटिका महाद्वीप के बारे में

दोस्तों हमने ऊपर के टॉपिक में जाना कि चमगादड़ किस महाद्वीप पर पाए जाते हैं और हमने चमगादड़ के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी भी प्राप्त की इस टॉपिक के माध्यम से हम अंटार्कटिका महाद्वीप से जुड़े कुछ जानकारी प्राप्त करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए।

अंटार्टिका एक ठंडा महाद्वीप है ऐसा माना जाता है कि यहां पर शरीर को गला देने वाली कड़ाके की ठंड पड़ती है। यह दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा महाद्वीप है। अंटार्कटिका महाद्वीप के बीचो बीच दक्षिण ध्रुव स्थित है, अंटार्कटिका महाद्वीप 140 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

अंटार्कटिका एक ऐसी जगह है जहां पर बर्फ ही बर्फ फैला हुआ है और यहां पर ठंडी हवाएं तकरीबन साढे 350 किलोमीटर की स्पीड से चलती रहती हैं।अंटार्कटिका महाद्वीप पर रहने वाला कोई भी व्यक्ति वहां का स्थाई निवासी नहीं है बल्कि जितने भी लोग वहां पर जाते हैं वह रिसर्च के तौर पर या किसी काम के लिए ही जाते हैं।

अंटार्कटिका महाद्वीप पर पाए जाने वाले जीव जंतु ठंडी एरिया में रहने वाले ही होते हैं क्योंकि वहां पर अन्य प्रकार के जीव जंतु नहीं पाए जाते है। अंटार्कटिका महाद्वीप पर बहुत से देशों का रिसर्च स्टेशन भी मौजूद है भारत का यहां पर 3 रिसर्च स्टेशन मौजूद है जिनमें से दो एक्टिव रहते हैं।

कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना है कि अंटार्टिका पहले गर्म महाद्वीप हुआ करता था मगर पृथ्वी के प्लेटलेट्स और परत खिसकने के कारण यह एक ठंडा महाद्वीप बन गया ।और पृथ्वी के परत एक जगह से दूसरी जगह पर खिसकने के कारण बहुत से देश एक दूसरे में मिले और एक दूसरे से अलग भी हुए हैं। हालांकि यह एक प्राकृतिक परिवर्तन है।

कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना है कि अंटार्कटिका महाद्वीप पर ऐसे भी बर्फ के पर्वत मौजूद है जहां पर 2000000 सालों से ना ही बारिश हुई है ना ही कोई बर्फ पड़ा है।


FAQ, s

Q1. क्या चमगादड़ इंसानों का खून पीती हैं ?

Ans. दोस्तों अगर आप ऐसा सोच रहे हैं कि चमगादड़ इंसानों का खून पीती है तो आप बहुत गलत है क्योंकि चमगादड़ हमेशा किट या फिर कीटाणुओं को खाती है। वह इंसानों को कोई हानि नहीं पहुंचाती है कई कई चमगादड़ तो ऐसे भी होती हैं जो कि फल को खाती हैं।

Q2. अंटार्कटिका महाद्वीप पर चमगादड़ क्यों नहीं पाई जाती हैं ?

Ans. अंटार्कटिका बहुत ठंडा महाद्वीप है इसी के कारण वहां पर चमगादड़ नहीं पाई जाती है क्योंकि वह वहां पर सरवाई भी नहीं कर पाती है उनका जीना वहां पर मुश्किल होता है इसलिए वह वहां पर नहीं पाई जाती हैं।

Q3. क्या चमगादड़ के आंख नहीं होते हैं ?

Ans. दोस्तों हमारी तरह ही चमगादड़ के दो आंख होते हैं बस फर्क इतना होता है कि इन्हें कोई भी कलर या रंगभरी चीज नहीं दिखाई देती है बाकी तो इन्हें सब चीज दिखाई देता है।
Q4. चमगादड़ का जीव वैज्ञानिक नाम क्या है ?
Ans. चमगादड़ का जीव वैज्ञानिक नाम Chiroptera है ।
Q5. चमगादड़ क्या खाती हैं ?
Ans. ज्यादातर चमगादर मच्छर मक्खी और खटमल इत्यादि जैसे चीजों को खाती है मगर कुछ चमगादड़ ऐसे भी होती हैं जो फल को खाती हैं।

( Conclusion, निष्कर्ष )

उम्मीद करता हूं, कि आप को मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से  किस महाद्वीप पर चमगादड़ नहीं पाए जाते हैं, के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।

हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको किस किस महाद्वीप पर चमगादड़ नहीं पाए जाते हैं, से जुड़ी हर एक जानकारी के बारे में बताने की कोशिश की है।

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